शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव क्या हुआ, कांग्रेस की सुक्खू सरकार की कुर्सी ही हिल गई. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और इसके साथ ही सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस को एक आश्चर्यजनक उलटफेर देखने को मिला, जिसमें भाजपा यानी भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली. यहां हैरानी की बात है कि हिमाचल में कांग्रेस के पास बहुमत था और भाजपा के पास पर्याप्त संख्या बल भी नहीं था. बावजूद इसके भाजपा ने कांग्रेस के जबड़े से जीत छीन ली. अब सवाल उठता है कि आखिर हिमाचल में यह आश्चर्य हुआ कैसे?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के जाने-माने चेहरे अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया. इसके बाद से जाहिर तौर पर विधानसभा में सुक्खू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार हो गया. चुनावी नतीजों के ऐलान से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने दावा कर दिया था कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने विधानसभा में बहुमत को दिया है.
किसके पास कितने विधायक थे
हिमाचल प्रदेश की सीट से भाजपा का जीत जाना इसलिए भी हैरान करने वाला है, क्योंकि कांग्रेस के पास 68 में से 40 विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ स्पष्ट बहुमत है. भले ही 25 विधायकों के साथ बीजेपी नंबर गेम में काफी पीछे थी, मगर उसने अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ महाजन को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया. मुख्यमंत्री सुक्खू ने मतदान के लगभग तीन घंटे बाद कहा कि कांग्रेस के छह विधायक और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने कहा कि नौ क्रॉस वोटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस के 6 और निर्दलीय 3 विधायक शामिल थे.
कैसे जीते भाजपा के महाजन
अधिकारियों ने बताया कि मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था लेकिन उसके बाद महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया. यह कांग्रेस के लिए इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि उसके पास 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक हैं. नराज्य में भाजपा के 25 विधायक हैं और तीन विधायक निर्दलीय हैं. राज्यसभा सीट का नतीजा औपचारिक रूप से घोषित होने से पहले ही भाजपा द्वारा सुखविंदर सिंह सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा तेज हो गई थी.
सीएम सुक्खू ने लगाए आरोप
सीएम सुक्खू ने मतदान के लगभग तीन घंटे बाद आरोप लगाया था कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और हरियाणा पुलिस ने ‘पांच से छह’ कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों का ‘अपहरण’ कर लिया है. राज्यसभा सीट पर चुनाव में कांग्रेस ने एक विधायक को शिमला लाने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी लगाया था जिससे वह मतदान कर सकें. सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में कथित तौर पर हिमाचल प्रदेश के कुछ विधायकों को भाजपा शासित हरियाणा के पंचकुला में एक सरकारी गेस्टहाउस के बाहर करीब पांच कारों में देखा गया। यह ‘रिसॉर्ट राजनीति” का दृश्य माना जा रहा है जिसमें एक राजनीतिक दल विधायकों को मतदान करने से रोकने के लिए एकांतवास में रखता है.
हिमाचल में अब सुक्खू सरकार की बढ़ेगी परेशानी
उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के साथ हिमाचल प्रदेश उन तीन राज्यों में से एक था जहां कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद थी. कांग्रेस उम्मीदवार की हार से सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी बढ़ने की संभावना है क्योंकि 29 फरवरी को राज्य विधानसभा में 2024-25 का वार्षिक बजट पारित होना है और सदन में बहुमत साबित करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है. सिंघवी की हार के बाद राज्य में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की.
ड्रॉ के जरिए हार-जीत तय
निर्वाचन आयोग के मानदंडों के अनुसार, राज्यसभा चुनाव परिणाम की घोषणा ‘ड्रॉ’ द्वारा की गई, जिसमें जिस उम्मीदवार का नाम निकाला गया वह हार गया. कांग्रेस कैंडिडेट सिंघवी ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आमतौर पर ड्रॉ में जो नाम निकलता है वही जीतता है. उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग के एक अजीब नियम के तहत जो मुझे आज पता चला कि जिस उम्मीदवार का नाम निकलता है वह हार जाता है. इसमें मेरा नाम निकला.’
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FIRST PUBLISHED : February 28, 2024, 10:21 IST